सूर्यकांत नागर |
जन्मतिथि-तीन फरवरी उन्नीस सौ
तेंतीस(03-02-1933)
जन्मस्थान-शाजापुर
(म॰प्र॰)
पारिवारिक विवरण
माता-श्रीमती रामप्यारीबाई
पिता-पं॰ जानकी वल्लभ नागर
पत्नी-श्रीमती
चार पुत्रियाँ
- (सभी विवाहित)
शिक्षा-एम॰एससी॰, एलएल॰बी॰
भाषा ज्ञान-हिंदी,अंग्रेजी, जर्मन भाषा का अध्ययन
लेखन व
प्रकाशन:
उपन्यास: युद्ध जारी रहे, यह जग
काली कूकरी
कहानी संग्रह:
गलत
होते संदर्भ, सूखते पोखर की मछली, दरिंदे, बिना चेहरे का पेट, शान्तिनिकेतन में
डॉन, प्रतिनिधि कहानियाँ, कोहरे से लिपे चेहरे, श्रेष्ठ कहानियाँ।
लघुकथा
संग्रह: विषबीज
व्यंग्य
संग्रह: गुदड़ी के लाल
निबंध संग्रह:
अपने
ही जाये दु:ख, सड़क जो है, सेक्यूलर है
आत्मकथ्य: सरे राह चलते-चलते
अन्य: आईना (ख्यात साहित्यकारों के पत्रों का संग्रह)
कहानियों
व लघुकथाओं के मराठी में अनूदित संकलन ‘निशांत’ और ‘वात्सल्य’। अनेक
लघुकथाओं का पंजाबी व सिंधी में तथा व्यंग्य का बांग्ला में अनुवाद प्रकाशित। व्यक्तित्व
व कृतित्व पर ‘जैसा हूँ मैं’ फिल्म का
निर्माण।
संपादित
कृतियाँ: अतीत से अलग (कथा संकलन), तीसरी आँख तथा प्रतिनिधि लघुकथाएँ
पत्रकारिता व
अन्य कार्यक्षेत्र: साहित्यिक पत्रिका ‘आदमी’, ‘मनस्वी’ ‘लोकदृष्टि’ तथा राष्ट्रीय अंधत्व निवारण संस्था की पत्रिका ‘हमारी आँखें’ का संपादन। पूर्व फीचर संपादक ‘नई दुनिया’, अंशकालीन संपादन कार्य ‘दैनिक भास्कर’, पूर्व सह-संपादक ‘वीणा’, वर्तमान में संपादक ‘वक्रोक्ति’(समावर्तन), संपादन-परामर्श—‘इबारत’, ‘कथा सागर’, ‘पेंशनर अभिलाषा’, इन्दौर नगर पालिका निगम में
सचिव पद से सेवा-निवृत्त, कुछ समय दिल्ली प्रशासन में ‘लोक विश्लेषक’ के पद पर कार्यरत।
पुरस्कार व
सम्मान : कथा संग्रह ‘गलत
होते संदर्भ’ पर
म॰प्र॰ साहित्य परिषद द्वारा सुभद्राकुमारी चौहान पुरस्कार, दुष्यंत कुमार
पांडुलिपि स्मृति संग्रहालय द्वारा ‘दुष्यंत कुमार’ अलंकरण, उपन्यास ‘यह जग काली कूकरी’ पर अम्बिकाप्रसाद दिव्य पुरस्कार, म॰प्र॰ लेखक संघ द्वारा ‘पुष्कर सम्मान’, अ॰भा॰ भाषा साहित्य सम्मेलन,
बंगलौर द्वारा ‘भाषा
भूषण’ सम्मान, भारतीय दलित
साहित्य अकादमी, म॰प्र॰ द्वारा ‘राष्ट्रीय सृजन सेवा’ सम्मान, अभिनव कला परिषद, भोपाल द्वारा ‘अभिनव शब्दशिल्पी’ सम्मान, पंजाबी की लघुकथा
पत्रिका ‘मिन्नी’ द्वारा ‘लघुकथा किरण’ सम्मान, संस्कृति कला संगम
अकादमी, लखनऊ द्वारा ‘बिन
चेहरे का पेट’ के
लिए ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी’ सम्मान, ‘कलरव’ गाजियाबाद द्वारा ‘लघुकथा शिल्पी’ सम्मान, साहित्यकार अभिनंदन
प्रकाशन, मथुरा द्वारा ‘लघुकथाचार्य’ सम्मान।
संपर्क- ‘ज्ञानोदय’, 81, बैराठी
कालोनी नं॰ 2, इन्दौर-452014-मध्य प्रदेश.
ईमेल:
हिन्दी के सुपरिचित लेखक का विस्तृत परिचय पढ़ कर प्रसन्नता हुई...हार्दिक आभार....
जवाब देंहटाएंवरिष्ठ साहित्यकार का परिचय व् उनका सृजन संसार जानकर बहुत हर्ष हुआ ।
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