मंगलवार, 17 अक्तूबर 2023

सुरेश कुमार श्रीचंदानी (Suresh Kumar Shrichandani)

जन्म की तारीख      06 नवम्बर 1962
           जन्म का स्थान   :     अजमेर (राजस्थान)

 

पारिवारिक परिचय :

    माता – स्व. श्रीमती रत्ना देवी 

    पिता -  स्व॰ श्री गोविन्दराम  श्रीचंदानी


शिक्षा :-

एम.ए. (हिंदी, भाषाशास्त्र, अनुवाद अध्ययन, अंग्रेजी, दूरस्थ शिक्षा, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्वशास्त्र, गांधी और शांति अध्ययन और सामाजिक कार्य)

एम.बी.ए, एल.एल.एम, एम.सी.जे, एम.लिब.साइंस, एम.कॉम, एम. एड, एम.एस.सी इन (योग और एप्लाइड साइकॉलजी) साथ ही 20 विषयों में पी.जी. डिप्लोमा.

 

अनुभव

सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कम्पनी दी ओरिएण्टल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड में हिंदी से अंग्रेजी / अंग्रेजी से हिंदी का साढ़े 34 वर्षों से अधिक का अनुभव।    

 

प्रकाशित कृतियां ( कृति का नाम, प्रकाशन वर्ष और विधा)

-          भारत भारतीयता भारतीय नायक (2000)    राष्ट्रीय काव्य धारा

-          बीमा परिभाषा कोश ( 2019)     कोश विज्ञान

-          भारतीय सन्दर्भ में समय प्रबन्धन कैसे करें ( 2020)   प्रबन्ध शास्त्र

-          आन्तरिक व्यक्तित्व के विकास पर एक सौ पुस्तकें ( 2021)   ज्ञान साहित्य 

 

सम्मान एवं पुरस्कार

लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स (1999), 

एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स (2023), 

नोबल बुक ऑफ रिकार्ड्स (2023)   

वर्ल्डवाइड बुक ऑफ रिकार्ड्स (2023) आदि में नाम ।       

 

प्रतिभागिता  

विश्व हिंदी सम्मेलन यू. के. 1999,  

विश्व हिंदी सम्मेलन यू.एस.ए. 2007,   

विश्व हिंदी सम्मेलन एस.ए.  2012,                       

विश्व हिंदी सम्मेलन भारत   2015,  

विश्व हिंदी सम्मेलन मारीशस   2018  

विश्व हिंदी सम्मेलन फ़िजी  2023.

       सम्पर्क का  पता  :   

       मकान नं 338 / 22, ठठेरा चौक, अजमेर- 305001 (राजस्थान) 

       मोबाईल नं- 9460611509 

       ई-मेल   shrichandani3@gmail.com

बुधवार, 5 अप्रैल 2023

सुरेशपाल वर्मा 'जसाला'

शैक्षिक योग्यता : 

एम. ए., बी. एड.

सम्प्रति : प्रवक्ता इतिहास, दिल्ली प्रशासन

जन्मतिथि : 25 दिसम्बर, 1958

जन्मस्थान : ग्राम-जसाला / दिसाला (कस्बा - काँधला), जिला शामली, यू.पी.

निवास : 1/4332, श्रीराम भवन, रामनगर विस्तार, शाहदरा, दिल्ली-110032

पिता : स्वर्गीय श्री सियानन्द वर्मा

माता : स्वर्गीय श्रीमती मूर्ति देवी

पत्नी : श्रीमती राजरानी वर्मा समाज सेवी

पुत्री : दिव्या वर्मा, एम.ए. (इतिहास, हिन्दी ), बी. एड.

दामाद : सचिन वर्मा, होटल प्रबन्धन, एम. बी. ए., वाइस प्रेसिडेंट :एम. एन. सी. मुंबई

पुत्र : संदीप वर्मा : बी.टेक., एम.बी.ए., असि-प्रोजेक्ट मैनेजर : कीवी टेक, नोएडा, यू.पी.

पुत्रवधु : अनुश्रुति सोनी, एम.टेक, कम्प्यूटर अध्यापक (पी.जी.टी.) 

पुत्र : गौरव वर्मा : बी.टेक. ( इलैक्ट्रॉनिक्स), यू. एस. ए.

द्वितीय पुत्रवधू : अंकिता बिजपुरिया, एम. बी. ए., यू. एस. ए.

सामाजिक दायित्व : 

संस्थापक : 

न्यू मॉडर्न शाहदरा वेलफेयर एसोसिएशन (पंजी.) 

अध्यक्ष : 

सुप्रभात मंच (पंजी.) (सामाजिक संस्थान दिल्ली) 

ट्रस्टी : 

स्वर्णकार धर्मशाला, ज्योति नगर शाहदरा, दिल्ली

कोषाध्यक्ष : 

युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पजी. न्यास)

प्रकाशित कृतियाँ : 

1. मैं भी कुछ कहता हूँ, 

2. बाल-मन और सिंहासन, 

3. जीवन के रंग, 

4. महाशिला का कण, 

5. मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार और उनका इतिहास, 

6. भारत माँ को नमन, 

7. थू, 

8. उत्कृष्ट व्यक्तित्व नरेन्द्र मोदी, 

9. अंगार और फुहार, 

10. सरल छन्द विधान ।

निवास : 1/4332, श्रीराम भवन, रामनगर विस्तार, शाहदरा, दिल्ली-110032.

सम्पर्क : 09868053535

शुक्रवार, 27 जनवरी 2023

हिन्दी सिनेमा / अवधेश श्रीवास्तव

पुस्तक  : हिन्दी सिनेमा:सामाजिक सरोकार और               विमर्श 

लेखक : अवधेश श्रीवास्तव 

© लेखकाधीन

प्रकाशक : न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन

C-515, बुद्ध नगर, इंद्रपुरी, नई दिल्ली - 110012

मो. : 8750688053

ईमेल : newworldpublication14@gmail.com

संस्करण : 2023

मूल्य : 300 रुपये

अनुक्रम

खंड- 1

सिनेमा और सामाजिक विमर्श


सिनेमा का रोचक संसार

मूक युग से मल्टीप्लेक्स तक 

अजनबी नहीं हैं साहित्य और सिनेमा के रिश्ते

सिनेमा में समाप्त होता हास्य और उल्लास

हिन्दी सिनेमा और सामाजिक चेतना

प्यार पर परवान होते आर्टिस्ट 

फिल्मों के बदलते आयाम

भोगवादी संस्कृति का पर्याय बन रहा सिनेमा

सिनेमा में हिंसा

सार्थक सिनेमा एक युग

सिनेमा में अभिनय या अश्लीलता

कला फिल्मों का जमाना कहाँ खो गया? 

धार्मिक फिल्मों का भी एक युग रहा है 

खंड-2

कला का शिखर

भारतीय सिनेमा में सत्यजित राय का योगदान

मृणाल सेन : सामानांतर सिनेमा की आधारशिला 

गोविंद निहलानी : आक्रोश से अर्धसत्य तक

देविका रानी: हिन्दी सिनेमा की पहली महान अभिनेत्री

सुचित्रा सेन : देवदास की 'पारो'

जोहरा सहगल : एक नाम जिंदादिली का

दुर्गा खोटे : कला को समर्पित एक जीवन

सुरैया : ये कैसी अजब दास्तां हो गई

मीना कुमारी : ए ट्रेजिडी क्वीन ऑफ इंडिया

नरगिस दत्त : कला ही जीवन है

शबाना : बनाम स्मिता

वहीदा रहमान : सहज अभिनय ही एक पहचान

जया भादुड़ी : एक याद रहने वाली हंसी

राखी : दूसरी मीना कुमारी

नन्दा : ग्लैमर की दुनिया रास न आई 

गीता बाली : ये रात ये चांदनी फिर कहां

श्यामा: कभी आर कभी पार

शोभना समर्थ : दर्शकों की दिल की धड़कन

निरूपाराय : बड़े-बड़े स्टार की साधारण मां 

लीला मिश्रा : आज भी खल रही है मौसी की क

विक्टर बनर्जी : ए पैसेज टु इंडिया

ओमपुरी : फिल्मों से दर्शकों के हार्ट तक

बलराज साहनी : सामाजिक सरोकारों के अभिनेता

फारुख शेख : अभिनय की एक नयी परिभाषा

राज कपूर : जग को हंसाने रूप बदल फिर आएगा 

दिलीप कुमार : ए ट्रेजिडी किंग ऑफ इंडिया

संजीव कुमार : कला को समर्पित एक अभिनेता

शशि कपूर: विश्व सिनेमा में एक अलग पहचान 

गुलजार : मोरा गोरा रंग लै ले

जावेद अख्तर : एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

हेमंत कुमार : गंगा आए कहां से गंगा जाए कहां रे

नौशाद : शास्त्रीय संगीत में लोक संगीत का समावेश

गीता दत: वक्त ने किया क्या हंसी सितम

मन्ना डे : संगीत का एक युग

सिनेमा का रोचक संसार

दुनिया के कई देशों और भाषाओं की तरह भारतीय और हिंदी सिनेमा की कहानी भी दिलचस्प व मनोरंजक रही हैं। बेशक फिल्म मनोरंजन का माध्यम है लेकिन सिर्फ उतना भर नहीं है। वैयक्तिक तथा सामाजिक इच्छाओं, आकांक्षाओं और स्वप्नों की अभिव्यक्तियां भी उसके माध्यम से होती रही हैं। सिनेमा में चूंकि अभिनय, भाषा, संगीत, नृत्य, सिनेमेटोग्राफी, वस्त्र सज्जा, दृश्यात्मकता आदि का भी मेल और मिलन होता है इसलिए इन और इससे संबंधित कलाएं भी अपने को प्रयोगशील और नया बनाती रहती हैं। आधुनिक भारत का इतिहास भी बिना सिनेमा के लिखा नहीं जा सकता । राष्ट्रीयता और देशप्रेम के अलावा सामाजिक चेतना भी हिंदी और भारतीय सिनेमा के स्थायी सरोकार रहे हैं। इस सिनेमा जगत की चौहद्दी विस्तृत है और लगातार होती जा रही है और उसके बारे में जानने-समझने का सिलसिला भी लगातार बढ़ता जा रहा है। पत्रकार, फिल्म प्रेमी और अध्येता अवधेश श्रीवास्तव की पुस्तक हिन्दी सिनेमा : सामाजिक सरोकार और विमर्श उसी सिलसिले की एक कड़ी है। इस पुस्तक में समय समय पर और विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनके लेख शामिल हैं। पर इन लेखों में एकसूत्रता भी है। कई मुद्दे तो ऐसे हैं जो हिंदी सिनेमा को बार बार मथते रहे हैं- जैसे फिल्म और साहित्य का क्या संबंध होना चाहिए, फिल्मों की सामाजिक भूमिका क्या है या कैसी होनी चाहिए, नैतिक मूल्यों और अश्लीलता जैसे वैचारिक प्रश्नों की सिनेमा में क्या भूमिका होनी चाहिए, आदि आदि। ये ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर कोई आखिरी बात नहीं कही जा सकती। हर दौर का फिल्म लेखक या समीक्षक इन सवालों से दो चार होता है और अपना तय करता है। अवधेश श्रीवास्तव भी इन सबसे टकराते और जूझते रहे हैं। उसके साक्ष्य इस पुस्तक में पढ़े जा सकते हैं।

फिल्मी दुनिया सितारों से जगमगाती रहती है। हीरो-हीरोइन से लेकर निर्देशक, संगीत-निर्देशक गायक-गायिकाएं सब अपनी चमक से फिल्म संसार को प्रकाशित और समृद्ध करते हैं। इनकी कलाएं तो सिनेमा नाम को निर्मित करती ही हैं, साथ ही इनका निजी जीवन में जन मानस को प्रभावित उद्वेलित करता रहता है। किस अभिनेत्री का किससे प्रेम हुआ, कब तक चला. क्या उसमें दरार पड़ी, क्या वे विवाह के बंधन में बंधे नहीं बंधे तो क्यों नहीं- ये सारी उत्सुकताएं भी सिनेमा जगत को खींचती रही हैं। दिलीप कुमार देव आनंद, राज कपूर, सुरैया, मधुबाला, शोभना समर्थ, राखी, नूतन, शबाना आजमी, ओम पुरी, जैसे कई अदाकारों के निजी जीवन के कई किस्से यहां मिलते हैं। और मां-मौसी की भूमिकाओं में नाम कमानेवाली निरूपाराय और लीला मिश्रा के जीवन पृष्ठ भी आपको यहां मिलेंगे। अवधेश श्रीवास्तव की भाषा आत्मीय है और उनके पास काफी जानकारियां हैं। इसलिए वे लोग भी जो अपने प्रिय फिल्मी सितारों के बारे में बहुत कुछ जानते हैं उनको भी यहां कुछ नया जानने को मिल सकता है।

इसी तरह, सत्यजीत राय, मृणाल सेन, नौशाद, मन्ना डे, हेमंत कुमार, गुलजार, जावेद अख्तर जैसी शख्सियतें की खासियतों से यहां पाठक रूबरू होते हैं। ये सूची और भी लंबी है और इसे रेखांकित करते हुए यहां ये कहने का लिए बाध्य होना पड़ता है कि अवधेश जी ने सिनेमा के विविध रूपों और रंगों के अलग अलग दौर को यहां पेश किया है। मुझे लगता है, ये पुस्तक पाठकों के मन में सिनेमा के प्रति रुचि और उससे संबंधित ज्ञान में इजाफा करेगी और आज की युवा पीढ़ी, सिनेमा के अध्येताओं और सामान्य पाठकों के मन को भी छुएगी ।

-रवीन्द्र त्रिपाठी,

फिल्म समीक्षक और नाटककार

दिल्ली

परिचय : अवधेश श्रीवास्तव

जन्म : इटावा (उत्तर प्रदेश)

शिक्षा : बी.एस-सी., एम.ए. (हिन्दी) प्रकाशन : 'आवाज', 'विमल मेहता सैकिंड', 'भ्रष्ट होता भविष्य', 'अपनी-अपनी दुनिया' (कहानी संग्रह) तथा आलोचना की पुस्तक 'शब्द', 'विचार और समाज का प्रकाशन | कहानियों का अंग्रेजी, उड़िया, पंजाबी, कन्नड़ भाषा के अलावा अन्य भाषाओं में अनुवाद। अब तक पांच दर्जन से अधिक कहानियों का व्यावसायिक तथा साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन। सौ से अधिक लेख तथा वरिष्ठ कवि कथाकारों के साक्षात्कार | आकाशवाणी से कहानियों तथा फिल्म समीक्षाओं का प्रसारण । विभिन्न साहित्यिक तथा व्यावसायिक पत्र-पत्रिकाओं में फिल्मों पर रचनात्मक लेखन का प्रकाशन । दूरदर्शन के लिए डॉक्यूमेंट्री के लिए पटकथा लेखन।

*'स्वतंत्र भारत' कहानी प्रतियोगिता के अंतर्गत पहली लिखित कहानी 'बंद पलकों के अंधेरे' पुरस्कृत |

*'कथा वर्ष 79' (सम्पादक देवेश ठाकुर) के अंतर्गत 1978 में 'रविवार' (सम्पादक सुरेन्द्र प्रताप सिंह) प्रकाशित कहानी 'दरार' का वर्ष की श्रेष्ठ कहानी में चयन व प्रकाशन । 

*कहानी 'विमल मेहता सैकिंड' का 'कथा कोलाज' के अंतर्गत राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा देवेंद्र राज अंकुर के निर्देशन में और हिन्दी अकादमी द्वारा अशरफ अली के निर्देशन में कहानी का नाट्य मंचन ।

संप्रति : 1985 से 2007 तक टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप के नई दिल्ली से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र 'नवभारत टाइम्स' के लिए रिर्पोट्स व फीचर लेखन। 2007 से 2016 तक प्रतिष्ठित प्रकाशन गृह में फीचर लेखन, संपादन कार्य व पुस्तक प्रकाशन प्रबंधन। पूर्व सदस्य, कार्यकारिणी समिति, हिन्दी अकादमी, दिल्ली, कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग, दिल्ली सरकार |

सम्पर्क : प्लाट नं. ए-212, दूसरी मंजिल, ब्लॉक ए, सेक्टर 8, द्वारका, दिल्ली-110077

मो.: 9582096038, 7599242988

Email : avdheshsrivastava444@gmail.com\avdhesh.srivastava@yahoo.com

इस पुस्तक का अमेजन लिंक:

https://www.amazon.in/AVDHESH-SRIVASTAVA/dp/8196086075/ref=mp_s_a_1_76?crid=12X5UOELH9XES&keywords=newworld+publication+opc&qid=1674912406&sprefix=%2Caps%2C984&sr=8-76

शुक्रवार, 2 दिसंबर 2022

अनिता रश्मि

जन्म : राँची, 25 अप्रैल, 1958

शिक्षा : विज्ञान स्नातिका, राँची महिला महाविद्यालय से। 

साहित्यिक -
बचपन से ही लेखनी साथ। पाठक से लेखक में सुखद परिवर्तन। कैशोर्य से चुपचाप अनवरत लेखन जारी। लगभग हर प्रमुख विधा में सक्रियता। 

प्रथम पुरस्कृत लघु उपन्यास 19-20 की उम्र में। दूसरा 31-32 की उम्र में। 
प्रथम रचना काव्य नवतारा ( सं. : भारत यायावर ) में। 

बारह विविधवर्णी किताबें। दो प्रकाशनाधीन। 
लघु उपन्यास : "गुलमोहर के नीचे", 
उपन्यास : "पुकारती जमीं", 
कहानी-संग्रह : "उम्र-दर-उम्र", "लाल छप्पा साड़ी", "बाँसुरी की चीख", "संन्यासी", "सरई के फूल", 
यात्रा-वृत्तान्त : "ईश्वर की तूलिका", "एक मुट्ठी जलधर"
काव्य-संग्रह : "जिन्दा रहेंगी कविताएँ", "अब ख्वाब नए हैं" लघुकथा-संग्रह : "कचोट", "रास्ते बंद नहीं होते" प्रकाशित।

 राष्ट्रीय सहारा में लंबी कहानी "अंतिम पृष्ठ" का चार अंकों में धारावाहिक प्रकाशन। 
समकालीन भारतीय साहित्य, वर्तमान साहित्य, वागर्थ, जनसत्ता, कथाक्रम सहित अनेक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं, वेब मैगजिनों में दो सौ से अधिक रचनाएँ। 
 हंस, लोकमत (तीन बार), जनसत्ता, लेखनी.नेट,विश्व गाथा के वार्षिक विशेषांकों में कहानियाँ शामिल।

लघुकथाओं पर फिल्म निर्माण। 

कहानियाँ, काव्य और लघुकथाएँ मलयालम, तेलुगू, अंग्रेजी, भोजपुरी में अनुदित। 

अद्यतन : 
कहानी संग्रह "सरई के फूल", लघुकथा संग्रह "रास्ते बंद नहीं होते", यात्रावृत्त "मुट्ठी जलधर"। 
हंस दलित विशेषांक के पुस्तकाकार रूप में एक कहानी "मिरग मरीचिका"।
संपादन : डायमंड बुक्स की कथामाला श्रृंखला में "21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियांँ, झारखंड" का। 
अतिथि संपादन : साहित्योदय का संस्मरण विशेषांक 

प्रमुख पुरस्कार /सम्मान -
दोनों उपन्यास पुरस्कृत। छात्र जीवन से ही कथाओं व लघुकथाओं को पुरस्कार मिला। 

राजभाषा विभाग, बिहार सरकार का नवलेखन पुरस्कार 2091, 
प्रथम स्पेनिन साहित्य गौरव सम्मान  2006, 
शैलप्रिया स्मृति सम्मान 2015, 
सर्वभाषा ट्रस्ट, दिल्ली के रामकृष्ण त्यागी समृति कथा सम्मान 2019 से सम्मानित। 

लघुकथा संग्रह "रास्ते बंद नहीं होते" को जयपुर साहित्य सम्मान पुरस्कार। 

रुचियाँ : भ्रमण, छायांकन। 

सम्प्रति : स्वतंत्र लेखन, छायांकन। 
आदर्श वाक्य : मैं नहीं, मेरी रचनाएँ बोलेंगी। 

पता - 1 सी, डी ब्लाॅक, सत्यभामा ग्रैंड, कुसई, डोरंडा, राँची, झारखण्ड -834002
ईमेल - rashmianita25@gmail.com
 मो. नं. - 9431701893

बुधवार, 18 अगस्त 2021

रंजना गुप्ता

नाम--रंजना गुप्ता

उपनाम ---रंजना अनुराग 

पिता---स्मृति शेष श्री गुरुदेव प्रसाद गुप्ता

पति  --श्री अनुराग गुप्ता 

जन्म-- 1960 /बहराइच, उत्तर प्रदेश ।

शिक्षा --- पीएच डी (लखनऊ  विश्वविद्यालय )

लगभग साढ़े चार दशकों का रचना काल ।

कहानी, कवितायें, नवगीत, समीक्षा, लघुकथा, स्त्री विमर्श  व विविध विषयों पर आलेख, लखनऊ की अनेक सम्मानित पत्र-पत्रिकाओँ मेँ प्रकाशन। 

अधिकांश सम्मलित संकलनों में गीतों का प्रकाशन।

आकाशवाणी में आलेख परिचर्चा प्रसारण।

कविता संग्रह ‘परिंदे’ प्रकाशित (2009))

कहानी संग्रह 'स्वयं सिद्धा’ प्रकाशित (2012)

शोध प्रबन्ध ‘रसभावाद्वैत' प्रकाशित (2009)

नवगीत संग्रह ‘सलीबें’ प्रकाशित (2019)

‘संपाती के पंख हमारे’ नवगीत संग्रह प्रकाशित (2021)

सम्प्रति निजी व्यवसाय के साथ स्वतंत्र लेखन ।

'कुमार रवीन्द्र स्मृति सम्मान' युवा रचनाकार मंच द्वारा (2021)

'परिंदे'---मध्यप्रदेश के 'मधुकर शोध संस्थान’ शब्द शिल्पी सम्मान’(2015)

2019 को टाँटिया विश्वविद्यालय राजस्थान..(रसभावाद्वैत और हनुमान प्रसाद पोद्दार) पर सम्मानित, रामानुज त्रिपाठी, सृजन संस्थान द्वारा सम्मानित (2019)

स्थाई पता---C/172, निराला नगर --लखनऊ ।

मोबा...9936382664

ई मेल .....ranjanaguptadr@gmail.com

बुधवार, 10 फ़रवरी 2021

नफे सिंह योगी मालड़ा


माता जी            श्रीमती विजय देवी

पिता जी            श्री बलवीर सिंह (शारीरिक प्रशिक्षक)

व्यवसाय           सैनिक(30 अगस्त 1997 से वर्तमान)

भाई                  रामबीर सिंह (सैनिक)

पत्नी                श्रीमती सुशीला देवी

संतान               रोहित कुमार, मोहित कुमार

जन्म                9 नवंबर 1979 (शुक्रवार)

जन्म स्थान         गांव मालड़ा सराय, जिला महेंद्रगढ़(हरि)

शैक्षिक योग्यता : जे .बी .टी.,एम.ए. (हिंदी प्रथम श्रेणी)

अन्य योग्यताएँ    : शिक्षा अनुदेशक कोर्स

                        शारीरिक प्रशिक्षण कोर्स

                        योगा कोर्स में स्वर्ण पदक

                        वॉलीबॉल कोचिंग कोर्स

                        जूनियर कम्बैट लिडर कोर्स

                        अंग्रेजी भाषा कोर्स

अभिरुचियाँ    :    कविता लिखना,गाना,योग करना -करवाना, खेलना और उत्प्रेरित करना आदि।

प्रकाशित पुस्तकें -1.देश की बात (काव्यसंग्रह-2017)

    2.मंजिल से पहले रुकना मत (काव्यसंग्रह - 2018)

                3.मौत से मस्ती (काव्य संग्रह-2019)

                       प्रकाशनाधीन पुस्तकें

                       1.मिलन (कहानी संग्रह)               

                       2.ये फर्ज अदा करना होगा(काव्य संग्रह)

                        3.उम्मीदों की धारा (काव्य संग्रह) 

                        4. आखिरी सलाम (काव्य संग्रह)

                        5.म्हारी माटी म्हारी शान(रागनियाँ)

सांझा संकलन -1. रक्तदान (काव्य संकलन)

                     2. लाल सोना (कहानी संकलन)

                     3. रिश्तो की महक (कहानी संकलन)

                     4.नारी नारायणी (कविता) वर्तमान अंकुर

                     5.आपातकाल में सृजन(काव्य संग्रह)

                     6.करुणा (काव्य संग्रह) साहित्य उत्थान

                     7.पैमाना(काव्य संग्रह) साहित्य उत्थान                           8. शहादत इक इबादत

विशिष्ट उपलब्धियाँ : 

* निर्मला स्मृति हरियाणा गौरव साहित्य सम्मान-2019

*साहित्य सारथी गौरव सम्मान- 2019 

*विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा शब्द शिल्पी सम्मान 2020

*फेसबुक पर विभिन्  हिन्दी साहित्य समूहों में पिछले 5 साल से  रचनाओं का निरंतर सम्मान एवं समुहों द्वारा आयोजित कविता ,कहानी ,गीत व लघुकथा आदि प्रतियोगिताओं में सैकड़ों बार पुरस्कृत। 

*हिंदी साहित्य की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में 12 साल से निरंतर रचनाओं का स्वागत।

*स्वामी रामदेव योग गुरु द्वारा योग और हिंदी साहित्य में योगदान हेतु प्रशंसा पत्र।

*बोलता साहित्य विद रवि यादव यूट्यूब चैनल से अभी तक 10 रचनाओं को आवाज मिलने का ऐतिहासिक गौरव। 

*फेसबुक के  50 से ज्यादा हिंदी साहित्य समूहों में प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित।

*18 वर्षों से सैन्य पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन ।

*सेना में डिवीजन स्तर पर कविता पाठ ,निबंध लेखन एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में अनेक बार पुरस्कृत।

 *संयुक्त राष्ट्र संघ शांति सेना सेवा के दौरान  ब्रिगेड कमांडर द्वारा प्रशंसा पत्र से पुरस्कृत।

* भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के कमान अधिकारी महोदय द्वारा विशिष्ट उपलब्धियों हेतु प्रशंसा पत्र और सेना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी एवं मंच संचालन का 20 वर्षों का अनुभव।


  




मंगलवार, 5 जनवरी 2021

मुकेश शर्मा

जन्म की तारीख : 20-02-1969 (20 फरवरी, 1969)

जन्मस्थान : गुरुग्राम (हरियाणा)

पारिवारिक परिचय:

माता : श्रीमती शमा देवी

पिता : श्री राजपाल शर्मा

पत्नी : श्रीमती सुमन शर्मा

शिक्षा : एम.ए, एल-एल.बी., पत्रकारिता एवं जनसंचार डिप्लोमा।

भाषा ज्ञान : हिंदी, अंग्रेजी

प्रकाशित कृतियाँ :

 कृति का नाम (प्रकाशन वर्ष, विधा):

1.लघुकथा-समीक्षा (वर्ष 1987, लघुकथा)

2.लघुकथा:रचना और समीक्षा दृष्टि (वर्ष 1993, लघुकथा)

3.लघुकथा के आयाम (वर्ष 2015, लघुकथा)

4.आँखें बोलती हैं (वर्ष 1993, कहानी संग्रह)।

 

सम्मान व पुरस्कार :

हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन की गुरुग्राम एवं सिरसा शाखाओं द्वारा सम्मानित। जिला प्रशासन, गुरुग्राम द्वारा सम्मानित।

कहानी-प्रतियोगिता में हरियाणा साहित्य अकादमी से प्रथम पुरस्कार, दैनिक ट्रिब्यून द्वारा आयोजित 'अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता' में तृतीय पुरस्कार।

 

संपर्क का पता :

वर्तमान / स्थायी : सेक्टर 5, गुरुग्राम-122 001, हरियाणा।

मोबाइल नम्बर : 9810022312

                        ई-मेल : hindisahitya01@gmail.com