डॉ॰ अजितकुमार |
पूरा नाम- अजितकुमार शंकर चौधरी
जन्मतिथि- सरकारी- 9 जून 1933,
असली- 9 जून 1931,.
जन्मस्थान- लखनऊ, उत्तर
प्रदेश ।
माँ - श्रीमती सुमित्रा कुमारी सिनहा,
पिता- चौधरी राजेन्द्र शंकर, युगमंदिर प्रकाशन, उन्नाव के संस्थापक ।
बहन- कीर्ति चौधरी, बहनोई- ओंकारनाथ श्रीवास्तव,
पत्नी- स्नेहमयी चौधरी
सभी कवि-लेखक । विश्वयात्री प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा0 महेश चरण
सिनहा, विद्वान-राजनेता संपूर्णानंद और कथा-सम्राट प्रेमचंद के
परिवारो से घनिष्ट संबंध।
आरंभिक शिक्षा उन्नाव, उ0प्र0 में, उच्च शिक्षा-
प्रयाग विश्वविद्यालय (1952) में हुई । आजीविका-
1953-56 तक डीएवी कालेज, कानपुर
में अध्यापन, 1956-1962 तक विदेश
मन्त्रालय में अनुवाद, 1962-1998
तक किरोड़ीमल कालेज, दिल्ली
विश्वविद्यालय में अध्यापन । अनन्तर सेवानिवृत्त, सपत्नीक दिल्ली में निवास ।
लेखन कार्य- सात कविता-संग्रहों के अलावा, कहानी, उपन्यास,
यात्रा, संस्मरण, आलोचना, अंकन आदि की
लगभग दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित; रचनाएँ
विविध माध्यमों से प्रसारित, अनेक
भाषाओं में अनूदित।
तिथिक्रम में प्रकाशन :
स्वतंत्र लेखन : ‘अकेले
कंठ की पुकार’ –कविता (राजकमल,
1958) ‘अंकित होने दो’-विविधा ( भारतीय ज्ञानपीठ, 1962), ‘ये फूल नहीं’–कविता (
अक्षर, 1970), ‘कविता का जीवित संसार’-आलोचना (अक्षर, 1962), ‘दूर वन में’– संस्मरण
(सातवाहन, 1984), ‘छाता और चारपाई’–कहानियाँ ( राधाकृष्ण, 1986), ‘सफ़री झोले में’– यात्रा
(राधाकृष्ण, 1986), ‘घरौदा’ –कविता (राधाकृष्ण, 1987)’हिरनी
के लिए’ –कविता (किताबघर,
1993), ‘निकट मन में’–संस्मरण (नेशनल पब्लिशिंग, 1994),
‘छुट्टियाँ’- उपन्यास (किताबघर, 1994), ‘यहाँ से कहीं भी’- यात्रा
(किताबघर, 1997), ‘घोंघे’-कविता (नेशनल पब्लिशिंग, 1996), ‘इधर की हिन्दी कविता’ –आलोचना
(किताबघर, 1999), ‘ऊसर’–कविता- (किताबघर, 2001),
’कविवर बच्चन के साथ’ –अंकन (भारतीय ज्ञानपीठ, 2009), ।
‘अँधेरे में जुगनू’ – संस्मरण (किताबघर, 2010) ‘सफरी
झोले में कुछ और’ – यात्रा
(क्षितिज, 2010); ‘अजितकुमार रचना- संचयन’ (
सम्पादक- गंगाप्रसाद विमल , किताबघर, 2011); दिल्ली
हमेशा दूर – ललित गद्य (मेधा
बुक्स, 2012) ; ‘दूर वन में निकट मन में’-
एकत्र संस्मरण- ( किताबघर, 2012)
संपादन : ‘अमिताभ’-कहानीसंग्रह (युगमन्दिर, 1952), ‘कविताएँ 1954-संचयन (साहित्यनिकेतन, 1955), कविताएँ 1963,1964,1965- संचयन (नेशनल
पब्लिशिंग, ’64-‘66), ‘समीक्षायन- संचयन’(ऋषभचरणजैन
एवं सन्तति, 1965) ‘गद्य की पगडंडियाँ- संचयन’( कपूर, 1967), ‘बच्चन निकट से’-संस्मरण (राजपाल, 1968) ‘आचार्य रामचन्द्र
शुक्ल विचारकोश’ (नेशनल पब्लिशिंग,
1974), ’हिन्दी की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कविताएँ 1,2’(सरस्वतीविहार,’79--81),
‘आठवें दशक की श्रेष्ठ प्रतिनिधि
कविताएँ’ (सरस्वतीविहार, 1983) ‘बच्चन-रचनावली- नौ खंड’ (राजकमल, 1983), ‘सुमित्राकुमारी
सिनहा रचनावली-1’ (ऋषभचरणजैन एवं
सन्तति, 1990), बच्चन की आत्मकथा-संक्षेपण (नेशनलबुकट्रस्ट,
1999), ‘बच्चन
के चुने हुए पत्र’ ( स्वराज,
2001), ‘कीर्ति चौधरी की कविताएँ’ (आर्यप्रकाशनमंडल-किताबघर, 2006), ‘कीर्ति चौधरी की कहानियाँ’
‘ (आर्यप्रकाशनमंडल-किताबघर, 2006), ‘कीर्ति चौधरी की समग्र कविताएँ’ (मेधा बुक्स, 2010), ‘नागपूजा और ओंकारनाथ श्रीवास्तव की अन्य कहानियाँ’ (मेधा बुक्स, 2010), ‘बच्चन के साथ
क्षण भर – संचयन (मेधा बुक्स,
2010), ‘दुनिया रंग-बिरंगी’ –ओंकारनाथ के बीबीसी-प्रसारण का संचयन (मेधा बुक्स,
2010)।
विशेष परिचय-
काम कम किया, शोर ज्यादा
मचाया; नाम—25-30 की उम्र में सब हिन्दीवालों को पता था; अब, 75-80 की उम्र में गुमनामी का सुकून है; धाम—नईमपुर, उन्नाव, कानपुर, लखनऊ, दिल्ली
तथा विदेशों के अनेक स्थानों की धूल फाँक चुकने के बाद पिछले पचीस साल से वैशाली
में चैन की बंसी बजा रहा हूँ ।
हर विधा की एक-एक
पुस्तक का नाम है- कविता- अकेले कंठ की पुकार; कहानी- छाता और चारपाई; आलोचना- कविता का जीवित संसार; उपन्यास- छुट्टियाँ; यात्रा- सफ़री झोले में ;संस्मरण- दूर वन में।
सम्पर्क : 166, वैशाली,
पीतमपुरा, दिल्ली-110034
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