वास्तविक नाम: रमेश
शर्मा
दिविक रमेश |
जन्म : 1946,
गांव किराड़ी, दिल्ली।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी),
पीएच.डी. (दिल्ली विश्वविद्यालय)
दिल्ली विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य पद से सेवामुक्त
।
पुरस्कार-सम्मान: गिरिजाकुमार माथुर स्मृति पुरस्कार, 1997
’ सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, 1984
’ दिल्ली हिन्दी अकादमी का साहित्यिक कृति पुरस्कार, 1983
’ दिल्ली हिन्दी अकादमी का साहित्यकार सम्मान 2003-2004
,
एन.सी.ई.आर.टी. का राष्ट्रीय बाल-साहित्य पुरस्कार, 1989
’ दिल्ली हिन्दी अकादमी का बाल-साहित्य पुरस्कार,
1987
’ भारतीय बाल-कल्याण संस्थान, कानपुर
का सम्मान 1991
’बालकनजी बारी इंटरनेशनल का राष्ट्रीय नेहरू बाल
साहित्य एवार्ड 1992
’ इंडो-रशियन लिटरेरी कल्ब, नई दिल्ली
का सम्मान 1995
’ कोरियाई दूतावास से प्रशंसा-पत्र 2001
द्विवागीश पुरस्कार, भारतीय अनुवाद
परिषद, 2009
श्रीमती रत्न शर्मा बाल साहित्य पुरस्कार, 2009
बंग नागरी प्राचारिणी सभा का पत्रकार शिरोमणि सम्मान 1976 में।
प्रकाशित कृतियां :
कविता संग्रह : ‘रास्ते के बीच’, ‘खुली आंखों में आकाश’, ‘हल्दी-चावल और अन्य कविताएं’, ‘छोटा-सा हस्तक्षेप’, ‘फूल तब भी खिला होता’ (कविता-संग्रह)। ‘खण्ड-खण्ड अग्नि’ (काव्य-नाटक)। ‘फेदर’ (अंग्रेजी में अनूदित कविताएं)। ‘से दल अइ ग्योल होन’ (कोरियाई भाषा में अनूदित कविताएं)। ‘अष्टावक्र’ (मराठी
में अनूदित कविताएं)। ‘गेहूँ घर आया है’ (चुनी हुई कविताएँ, चयनः अशोक वाजपेयी) । वह भी आदमी तो होता हॆ । बाँचो लिखी इबारत ।
आलोचना एवं शोधः नये कवियों के काव्य-शिल्प सिद्धान्त, ‘कविता के बीच से’, ‘साक्षात् त्रिलोचन’, ‘संवाद भी विवाद भी’।
संपादित:‘निषेध के बाद’ (कविताएं), ‘हिन्दी कहानी का समकालीन परिवेश’ (कहानियां
और लेख), ‘कथा-पड़ाव’ (कहानियां एवं उन पर समीक्षात्मक लेख), ‘आंसांबल’ (कविताएं, उनके अंग्रेजी अनुवाद और ग्राफ्क्सि),
‘दूसरा दिविक’ आदि का संपादन।
अनूदित:‘कोरियाई कविता-यात्रा’ (हिन्दी में अनूदित कविताएं)। ‘द डे ब्रक्स ओ इंडिया’ (कोरियाई कवयित्री किम यांग शिक की कविताओं
के हिंदी अनुवाद) । ‘सुनो अफ्रीका’।
बाल-साहित्य:एक सॊ एक
बाल कविताएं(चुनी हुई बाल कविताएँ, चयनः
प्रकाश मनु), ‘जोकर मुझे बना दो जी’, ‘हंसे जानवर हो हो हो’, ‘कबूतरों की रेल’, ‘छतरी से गपशप’, ‘अगर खेलता हाथी होली’, ‘तस्वीर और मुन्ना’, ‘मधुर गीत भाग 3 और 4’, ‘अगर पेड़ भी चलते होते’, ‘खुशी लौटाते हैं त्यौहार’, ‘मेघ हंसेंगे ज़ोर-ज़ोर से’ । ‘धूर्त साधु और किसान’, ‘सबसे बड़ा दानी’, ‘शेर की पीठ पर’, ‘बादलों के दरवाजे’, ‘घमण्ड की हार’, ‘ओह पापा’, ‘बोलती डिबिया’, ‘ज्ञान परी’, ‘सच्चा दोस्त’, (कहानियां)। ‘और पेड़ गूंगे हो गए’, (विश्व की लोककथाएँ), ‘फूल भी और फल भी’ (लेखकों से संबद्ध साक्षात् आत्मीय संस्मरण)। ‘कोरियाई बाल कविताएं’। ‘कोरियाई लोक कथाएं’। ‘कोरियाई कथाएँ’, समझदार हाथी: समझदार चींटी (136 कविताएं, शीघ्र प्रकाश्य) । ‘बल्लू हाथी का बाल घर’ (बाल-नाटक)। ‘और पेड़ गूंगे हो गए’, ‘सच्चा दोस्त’ (लोक कथाएं)।
अन्य : ‘खण्ड-खण्ड अग्नि’ के मराठी, गुजराती, कन्नड़ और अंग्रेजी अनुवाद।
अनेक भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में
रचनाएं अनूदित हो चुकी हैं। रचनाएं पाठयक्रमों में निर्धारित।
दक्षिण कोरिया के विश्वविद्यालय में भारत सरकार की
ओर से 3 वर्ष तक अतिथि आचार्य
रह चुके हॆं ।
अनेक देशों की यात्राएं ।
संपर्क : बी-295, सेक्टर-20,
नोएडा-201301 (यू.पी.),
भारत। फोनः +91-120-4216586, 9910177099
ई-मेल:
divik_ramesh@yahoo.com
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