रंजना श्रीवास्तव |
जन्मस्थान: गाज़ीपुर
(उ.प्र.)
शिक्षा:एम.ए., बी.एड. गोरखपुर विष्वविद्यालयए गाजीपुर।
संप्रति: कुछ वर्षों
तक अध्यापन कार्य, प्रधानाचार्या
पद तक, से संबद्ध रहने के बाद स्वतंत्र लेखन
एवं ‘सृजन पथ’ का संपादन।
प्रकाशित पुस्तकें:
कविता संग्रह
चाहत धूप के एक
टुकड़े की; सक्षम
थीं लालटेनें; तनिक ठहरो समुद्र; जीवन, जीवन के बाद, इन दिनों रोशनी भीतर में बजती है।
ग़ज़ल संग्रह:
आईना-ए-रूह
संपादनः ‘सृजन पथ’ के आठ अंकों का अब तक संपादन। कई पत्रिकाओं को
संपादन सहयोग।
विशेष:
गीताश्री के संपादन में ‘नागपाश
में स्त्री’ (स्त्री विमर्श) में
लेख मैत्रेयी की पुस्तक ‘मेरे साक्षात्कार’ एक महत्वपूर्ण साक्षात्कार। स्त्री विमर्श व समकालीन
कविता को लेकर अब तक तीस-चालीस लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित। ‘जनसंदेश टाइम्स’ (लखनऊ) में ‘फैसले’ नाम से एक स्तंभ
लेखन लगातार। अब तक 40 कड़ियाँ
प्रकाशित। दिल्ली से प्रकाशित पत्रिका ‘सब लोग’ में ‘औरत’ नामक स्तंभ लेखन।
सम्मान एवं
पुरस्कारः
सिलीगुड़ी गौरव सम्मान, उत्तर
बंग नाट्य जगत से विषिष्ट कविता लेखन सम्मान, युवा जागृति संघ सिलीगुड़ी से साहित्य रत्न सम्मान एवं
हल्का-ए-तामीर-ए-अदब, मऊ आइमा,
इलाहाबाद से साहित्य की महती सेवाओं के
लिए प्रशस्ति पत्र।
पताः
रंजना श्रीवास्तव,
संपादकः सृजन पथ, श्रीपल्ली, लेन नं.2, पो. ऑ.
सिलीगुड़ी बाज़ार, सिलीगुड़ी-734005
(पश्चिम बंगाल)
मोबाइल-0993394688
धन्यवाद बलराम जी |
जवाब देंहटाएंधन्यवाद बलराम जी । लेखक कोश में मेरा नाम सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंरंजना श्रीवस्तवा
सिलीगुड़ी (प बंगाल)
mujhe Ranjana Srivastava ji ki kavita 'Kabza' ki link mil sakti hai? Aur unke kuch kavita sangrahon ne naam bhi?
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