उपनाम--रंजना अनुराग
पिता--स्मृति शेष श्री गुरुदेव प्रसाद गुप्ता
पति--श्री अनुराग गुप्ता
जन्म-- 1960 /बहराइच, उत्तर प्रदेश ।
शिक्षा --- पीएच डी (लखनऊ विश्वविद्यालय )
लगभग साढ़े चार दशकों का रचना काल ।
कहानी, कवितायें, नवगीत, समीक्षा, लघुकथा, स्त्री विमर्श व विविध विषयों पर आलेख, लखनऊ की अनेक सम्मानित पत्र-पत्रिकाओँ मेँ प्रकाशन।
अधिकांश सम्मलित संकलनों में गीतों का प्रकाशन।
आकाशवाणी में आलेख परिचर्चा प्रसारण।
कविता संग्रह ‘परिंदे’ प्रकाशित (2009))
कहानी संग्रह 'स्वयं सिद्धा’ प्रकाशित (2012)
शोध प्रबन्ध ‘रसभावाद्वैत' प्रकाशित (2009)
नवगीत संग्रह ‘सलीबें’ प्रकाशित (2019)
‘संपाती के पंख हमारे’ नवगीत संग्रह प्रकाशित (2021)
सम्प्रति निजी व्यवसाय के साथ स्वतंत्र लेखन ।
'कुमार रवीन्द्र स्मृति सम्मान' युवा रचनाकार मंच द्वारा (2021)
'परिंदे'---मध्यप्रदेश के 'मधुकर शोध संस्थान’ शब्द शिल्पी सम्मान’(2015)
2019 को टाँटिया विश्वविद्यालय राजस्थान..(रसभावाद्वैत और हनुमान प्रसाद पोद्दार) पर सम्मानित, रामानुज त्रिपाठी, सृजन संस्थान द्वारा सम्मानित (2019)
स्थाई पता---C/172, निराला नगर --लखनऊ ।
मोबा...9936382664
ई मेल .....ranjanaguptadr@gmail.com
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