गुरुवार, 14 अगस्त 2014

सुरेश ऋतुपर्ण (प्रो.)

(प्रो.) सुरेश ऋतुपर्ण
जन्मतिथि   :  26 अक्तूबर,1948
जन्मस्थान : मथुरा, उत्तर प्रदेश (भारत)
परिवार:
माता :श्रीमती
पिता : श्रीयुत
पत्नी : श्रीमती
सन्तान :
शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए.,एम.लिट, एवं पी-एच.डी की उपाधि;                              
             शोध-विषय: 'नई कविता में नाटकीय तत्व’.
पूर्व-कार्य-विवरण:           
- सन् 1971 से सन् 2002 तक दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित शिक्षा-संस्थान हिन्दू कॉलेज में अध्यापन कार्य.
- सन् 1988 से 1992 तक ट्रिनीडाड एवं टुबैगो स्थित भारतीय हाई कमीशन में एक राजनयिक के रूप में प्रतिनियुक्ति.
- सन् 1999 से 2002 तक माॅरीशस स्थित महात्मा गांधी संस्थान में जवाहर लाल नेहरू चेयर आॅफ इण्डियन स्टडीज’ पर अतिथि आचार्य के रूप में कार्य.
- सन् 2002 से सन् 2012 तक जापान के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय 'तोक्यो यूनिवर्सिटी आॅफ फाॅरेन स्टडीज, तोक्यो, जापान में प्रोफेसर पद पर कार्य एवं वहीं से सन् 2012 में सेवा-निवृत्त.
वर्तमान पद: विशेषाधिकारी/निदेशक ;नामित, के.के.बिरला फाउण्डेशन,  नई दिल्ली.
प्रकाशित पुस्तकें :  ’अकेली गौरैया देख’,  ’मुक्तिबोध की काव्य सृष्टि’, ’नई कविता में नाटकीय-तत्व’
                          ’फीजी के राष्ट्रीय कवि: पं.कमलाप्रसाद मिश्र की काव्य-साधना’, ’दिविक’
                          ’मुट्ठियों में बंद आकार’, ’निबंधायन’, ’हमारे ग्रन्थ’, ’हमारे त्यौहार’
                          ’फीजी में सनातन धर्मःसौ साल’, ’गीत-अर्पनम (सम्पादन):       
                         ’चाचा राम गुलाम’;चित्रकथा’,  ’पाल और विर्जिनी’;चित्रकथा,
                        ’जन आन्दोलन के अग्रदूतःपं.वासदेव विष्णुदयाल’;चित्रकथा  ’जापान की लोक कथाएं’
                      दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में हिन्दी शिक्षण’, ’हिन्दी की विश्व-यात्रा’,’हिन्दी सब संसार’
                    ’ये मेरे कामकाजी शब्द’, ’जापान के क्षितिज पर रचना का इन्द्रधनुष सहित कई पुस्तकें काशित.
संपादन: फ़ादर कामिल बुल्के: भारतीयता के प्रकाश पुंज;  त्रैमासिक पत्रिका ’हिन्दी जगत
                 का विगत 12 वर्षों से संपादन. ’      
पुरस्कार : सन् 1980 में प्रथम कविता संग्रह ’अकेली गौरेया देख’ प्रकाशित एवं उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 
                 पुरस्कृत.
सम्मान :   विदेशों में हिन्दी प्रचार-प्रसार के कार्य के लिए ’भारतीय विद्या संस्थान’, ट्रिनीडाड द्वारा ’ट्रिनीडाड
               हिन्दी भूषण सम्मान’,हिन्दी फाउण्डेशन आॅफ ट्रिनीडाड एवं टुबेगो द्वारा ’हिन्दी निधि सम्मान’   
                 उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा वर्ष 2004 में ’विदेश हिन्दी प्रसार सम्मान’द्वारा सम्मानित.
              महादेवी वर्मा की स्मृति से जुड़ी इलाहाबाद की ’समन्वय’ संस्था द्वारा ’फादर कामिल बुल्के   
             सम्मान’, (2006),सरस्वती साहित्य सम्मान,इलाहाबाद,(2009) से सम्मानित.
वर्तमान पता  :   221, प्रभावी अपार्टमेंट्स सेक्टर-10, प्लाॅट-29 बी,  द्वारका, नई दिल्ली-110 075
मोबाइल     : 09810453245
ई-मेल  :  rituparna.suresh@gmail.com

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