सुधा भार्गव |
जन्मतिथि: -8 मार्च 1942
जन्मस्थान: अनूपशहर, जिला-बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
पारिवारिक परिचय—
माता - स्व .श्रीमती तारा भार्गव
पिता - स्व .डा . जगदीश्वर सहाय भार्गव
पति-स्व .श्री हरि कृष्ण भार्गव
संतान पुत्र: रवि, रजत
पुत्री:
रंजना
शिक्षा— प्रारम्भिक शिक्षा अनूपशहर आर्य कन्या पाठशाला
से हुई। अलीगढ़ और
उरई में रहकर बी॰ए॰, बी॰टी॰ की। प्रौढ़ शिक्षा में विशेष योग्यता प्राप्त है। रेकी हीलर भी हूँ। इलाहाबाद
की सिद्धान्त सरोज, प्रवेशिका, विद्याविनोदिनी आदि हिन्दी की विशेष परीक्षाएँ
उत्तीर्ण कीं।
भाषा ज्ञान—हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली ।
शिक्षण—बिरला हाई स्कूल
कलकत्ता में २२ वर्षों तक हिन्दी भाषा का शिक्षण कार्य।
विशेष—शिक्षण काल में समस्यात्मक बच्चों के संपर्क में रहकर उनकी
भावात्मक, शिक्षात्मक उलझनें दूर करने का प्रयास रहा। सेमिनार व वर्कशॉप के
द्वारा सुझाव देकर मुश्किलों का हल निकाला। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत बच्चों की
अभिनय कला को निखारा। समय व विषय के अनुसार
एकांकी नाटक लिखकर उनके मंचन का प्रयास हुआ। ऋचा, लेखिका संघ दिल्ली व कलकत्ते से प्रकाशित हस्तलिखित पत्रिका -साहित्यिकी से जुडी हुई हूँ। यह पत्रिका स्त्रियों
द्वारा स्त्रियों के हक़ में एक तरह से उनकी रचनात्मक वैचारिकता का अपने लिए
अलग से एक पुख्ता पहचान ढूँढती स्त्री विमर्श और दृष्टिकोण का एक बेहद महत्वपूर्ण प्रकाशन है। कहानी-‘मुछन्दर जूतेवाला’ एन.सी.ई.आर.टी. दिल्ली द्वारा दूसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तक 'उदया' में सम्मिलित की गई।
प्रकाशित पुस्तकें: काव्य संग्रह रोशनी
की तलाश में, बालकथा पुस्तकें 1 अंगूठा चूस २ अहंकारी राजा ३ जितनी चादर उतने पैर
सम्मान व पुरस्कार : 1. डा .कमला रत्नम सम्मान/ रोशनी की तलाश में 2. राष्ट्रीय शिखर साहित्य सम्मान/जितनी चादर उतने पैर पसार 3. राष्ट्र निर्माता पुरस्कार/ शिक्षक दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल शासन की ओर से 1996 में कलकत्ते में मिला।
अभिरुचि : पेंटिंग--
समय -बेसमय ऑयल पेंटिंग, ऐक्रेलिक पेंटिंग और नाइफ पेंटिंग में ब्रुश और चाकू चल पड़ते हैं और एक चित्रकार रंगों के संसार में डूब जाता है ।
संप्रति: स्वतंत्र लेखन बाल साहित्य व लघुकथाएँ
निवास:जे-703, स्प्रिंगफील्ड, #17/20
अम्बालीपुरा गाँव, बेलाण्डुर गेट, सरजापुर रोड, बंगलौर-560102
M-9731552847
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