बद्री सिंह भाटिया |
जन्म : 4 जुलाई, 1947 को हिमाचल प्रदेश के गाँव ग्याणा में(जिला सोलन, तहसील अर्की)
शिक्षा : एम॰ ए॰ (हिन्दी), लोक सम्पर्क एवं विज्ञापन कला में स्नातकोत्तर डिप्लोमा
पुस्तकें : * कहानी संग्रह : ठिठके हुए पल, मुश्तरका
ज़मीन, छोटा पड़ता आसमान, बावड़ी तथा अन्य कहानियाँ, यातना शिविर, कवच, और वह गीत हो गई, डी एन ए
* उपन्यास : पड़ाव
* कविता संग्रह : कँटीली
तारों का घेरा
सम्पादन : सूत्रगाथा और धन्धा ( कहानी संग्रह), मेडिकल कालेज शिमला की कर्मचारी यूनियन की पत्रिका ‘तरु–प्रछाया’, हि प्र सूचना
एवं जनसम्पर्क विभाग के साप्ताहिक पत्र ‘गिरिराज’ और मासिक
पत्रिका ‘हिमप्रस्थ’ में
सम्पादन सहयोग ।
अनुवाद-कार्य : क्रिस्टोफर
मार्लो के नाटक ‘डॉक्टर फास्टस’ तथा रूपर्ट
ब्रुक के नाटक ‘लिथुआनिआ’ का हिन्दी अनुवाद
।
सम्मान : हि प्र कला, संस्कृति
एवं भाषा अकादमी द्वारा पड़ाव (उपन्यास, 1987) तथा
कवच (कहानी संग्रह, 2004) पुरस्कृत । हिम साहित्य परिषद, मण्डी द्वारा साहित्य सम्मान (2001), हिमोत्कर्ष साहित्य, संस्कृति
एवं जन कल्याण परिषद,ऊना द्वारा हिमाचलश्री साहित्य सम्मान (2007) ।
अन्य :
अर्की–ध्यामी ग्राम सुधार समिति और ग्याणा मण्डल
विकास संस्था के पूर्व–अध्यक्ष, (साहित्यिक एवं वैचारिक मंच) अर्पणा के पूर्व– अध्यक्ष, विभिन्न
कर्मचारी यूनियनों, एसोसिएशनों
के माध्यम से अद्यतन समाज–सेवा ।
सम्प्रति
: अध्ययन, लेखन,
समाज–सेवा व ग्याणा में खेती–बाड़ी ।
सम्पर्क
: ग्रीनवुड, दूसरी मंजिल, गांव–दुधली,
डाकखाना–भराड़ी,
शिमला–171001 हि॰प्र॰
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