शनिवार, 30 जून 2012

एस. आर. हरनोट


                                                                                                                     जन्मः हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला की पिछड़ी पंचायत व गांव चनावग में 22 जनवरी, 1955 को.
शिक्षाः       बी.ए (ऑनर्ज), एम.ए (हिन्दी), पत्रकारिता, लोक सम्पर्क एवं प्रचार-प्रसार में उपाधि पत्र।

एस. आर. हरनोट
प्रकाशित कृतियाँ:     

1          पंजा   कहानी संग्रह  ललित प्रकाशन, दिल्ली।     1987
2          आकाशबेल    कहानी संग्रह  ललित प्रकाशन, दिल्ली।     1987
3          हिमाचल के मंदिर और उन से जुड़ी लोक कथाएं   लगभग 250 मन्दिरों पर शोध कार्य व लोक कथाएं।      मिनर्वा बुक हाउस, शिमला।  1991
4          पीठ पर पहाड़ कहानी संग्रह। साहित्य संगम, इलाहाबाद।   1992
5          यात्रा   किन्नौर, स्पिति, लाहुल और मणिमहेश पर सांस्कृति एवं ऐतिहासिक यात्राएं।     मिनर्वा बुक हाउस, शिमला।      1994
6          हिमाचल एट ए ग्लांस
(संयुक्त कार्य)  हिमाचल प्रदेश पर 3000 फैक्टस। संयुक्त कार्य।    मिनर्वा बुक हाउस, शिमला।  2000
7          दरोश तथा अन्य कहानियां   कहानी संग्रह  आधार प्रकाशन, पंचकूला, हरियाणा।  2001
8          हिमाचल की कहानी  इतिहास      आधार प्रकाशन, पंचकूला।    2002   
9          हिडिम्ब      उपन्यास     आधार प्रकाशन, पंचकूला।    2004
10        माफिया      श्रीमती सरोज वशिष्ट द्वारा अंग्रेजी में अनुदित 14 कहानियों का संग्रह    सनबन पब्लिशर्ज, दिल्ली। 2004
11        जीनकाठी तथा अन्य कहानियां।    कहानी संग्रह  आधार प्रकाशन, पंचकूला, हरियाणा।  2008
12        मिट्टी के लोग      कहानी संग्रह  आधार प्रकाशन      2010
सम्मान व पुरस्कार:
1: दारोश तथा अन्य कहानियांपुस्तक के लिए वर्ष 2003 का अन्तरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान (लंदन में सम्मानित) तथा 2007 में हिमाचल राज्य अकादमी पुरस्कार।
2. जीनकाठी तथा अन्य कहानियां संग्रह के लिए वर्ष 2009 का जे.सी जोशी शब्द साधक जनप्रिय लेखक सम्मान।
3: पर्यटन और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हिमाचल पर्यटन विकास निगम का पर्यटन एवं साहित्य सम्मान-2009’.
4: क्र्रिएटिव न्यूज फाउण्डेशन, दिल्ली द्वारा विशिष्ठ साहित्यकार सम्मान।
5: अखिल भारतीय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र एवार्ड।
6: हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ, हमीरपुर द्वारा साहित्यकार सम्मान।
7: हिमाचल गौरव सम्मान।
8: भाषा और संस्कृति विभाग, हि0प्र0 द्वारा कहानी और निबन्ध लेखन के लिए सम्मानित।
9: प्राचीन कला केन्द्र चण्डीगढ़ द्वारा श्रेष्ठ साहित्य सम्मान।
10: हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा साहित्य सम्मान।
11: हिमाचल केसरी एवार्ड।
12: मालवा रंगमंच समिति और कृतिका काप्यूनिकेशन मुम्बई द्वारा 2010 का हिन्दी सेवा सम्मान
अन्यः विशेषः इन्टरनेट की तकरीबन सभी हिन्दी पत्रिकाओं में रचनाएं संकलित।
हिडिम्ब उपन्यास का आकाशवाणी शिमला एफ.एम.से श्रृंख्लाबद्ध प्रसारण!
1: प्रदेश तथा देश से प्रकाशित होने वाले हिन्दी के समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं
में इतिहास,संस्कृति, लोक जीवन और विविध विषयों पर नियमित लेखन।
2: कई संपादित संग्रहों में कहानियां संकलित जिनमें मुख्य है हिन्दी विश्व कहानी कोश, कथा लंदन, कथा में गांव, जातिदंश की कहानियां, कथा में पहाड़, श्रेष्ठ हिन्दी कहानियां (1990-2000), 1997 की श्रेष्ठ हिन्दी कहानियां, दस्तक, समय गवाह है, कथा संचयन और हिमाचल की प्रतिनिधि कहानियां। Grey Areas-An Anthology of Indian Fiction on Ageing-Edited by Ira Raja & Published by Oxfor University Press में अंग्रेजी में अनुवादित कहानी मां पढ़ती हैसंकलित।  कथादेश के कथा विशेषांक-फरवरी-200710 वर्ष एक चयनमें कहानी जीनकाठीसंकलित। द बेस्ट आफ ग्यानोदय में कहानी मिट्टी के लोगशामिल।
3: अंग्रेजी, मराठी, कन्नड़ पंजाबी और गुजराती सहित कई अन्य भाषाओं में कहानियों के अनुवाद।
4: फोटोग्राफी में विशेष रूचि। कई प्रदर्शनियों का आयोजन।
5: हिन्दी साहित्य की लधु पत्रिकाओं केे प्रचार-प्रसार में सक्रिय सहयोग।
6: कई साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं से सम्बद्ध।
7: आर्थिक रूप से कमजोर व दलित वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए निरन्तर कार्य।

फिल्म : कहानी दारोशपर दिल्ली दूरदर्शन द्वारा इंडियन क्लासिक्स सीरीज के तहत फिल्म का निर्माण   
सम्प्रतिः हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम, रिट्ज एनैक्सी, शिमला-171001 में सहायक महा प्रबन्धक(सूचना एवं प्रसार) के पद पर कार्यरत।
फोनः 0177-2652704-06  मो0-098165 66611, 094180 00224

आवासः     ओम भवन, मोरले बैंक इस्टेट, निगम विहार,, शिमला-2 हि0प्र0।
फोन-0177-2625092


गांवः गांव व डाकखाना-चनावग, तहसील सुन्नी, वाया धामी-171103, जिला शिमला, हि0प्र0।
संस्थाएं:   ग्रामीण विकास सभा चनावग, तहसील सुन्नी, जिला शिमला का गठन और इसके माध्यम् से अपने इलाके के उत्थान के लिए निरन्तर कार्य।
हिमालय साहित्य, संस्कृति और पर्यावरण मंच की स्थापना।
हिन्दी की लघु पत्रिकाओं के प्रचार-प्रसार के लिए शिमला और हिमाचल के कई अन्य भागों में निरन्तर कार्य और उनका लेखकों और पाठकों में वितरण।

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